Punlo (पुनलो) Lyrics - Rajasthani Song |
Punlo (पुनलो) Lyrics - Rajasthani Song
This Marsiya song is sung in the memory of Martyr Poonam Singh Ji Habur. Here is the correct lyrics of 'Punlo (Punmal)' in Hindi. This is most famous Rajasthani song which is sung by various singers, and lyrics are traditional.
Punlo (पुनलो) Lyrics in Hindi -
ह्वै नि पुंनले ने झूरे नि रे बिलाले ने झूरे नि
रे पंनले री माताड़ी रे भंवर सा री माताड़ी
ह्वै के पुंनले री आवे नि रे बिलाले री आवे नि
रे पुंनले री ओळ्यूंडी़ रे भंवर सा री ओळ्यूंडी़
ह्वै के पुंनले ने बरजो नि रे बिलाले ने बरजो नि
रे के पुंनला परदेशां मत जा रे भंवर सा परदेशां मत जा
ध्हे के पुंनलो गियो नि रे बिलाला गियो नि
पुंनला परदेशां में भंवर सा परदेशां में
ध्हे के पुंनले री आवे नि रे बिलालो री आवे नि
पुंनले री ओळ्यूंडी़ रे भंवर सा री ओळ्यूंडी़
ध्हे को पुंनलो पांचा रो रे भंवर सा पांचा रो
र... पुंनलो पचीसां रो बिलालो पचीसां... रो...
अरे पुंनले री सांढ़डली रे बिलाले री सांढ़डली रे ढाल ढल गी रे।।
* यह मरसिया गीत शहीद पुनम सिंह जी हाबुर की याद में गाया जाता है।
अमर शहीद पूनमसिंह भाटी
भारत के इतिहास में और वीर योद्धा भूमि राजस्थान की बलिदानी परम्परा में जैसलमेर में जन्मे पुनमसिंह भाटी का नाम अमर रहेगा।
पांचवी कक्षा तक अध्ययन करने के पश्चात् १७ वर्षीय पूनमसिंह राजस्थान में चलाये गए ऐतिहासिक भूस्वामी आंदोलन का सत्याग्रही बनकर जेल चले गए। तीन माह की जेल भुगतने के पश्चात् पूनमसिंह नोकरी की तलाश में लग गए। १५ अक्टूम्बर १९६१ में वह अपने ग्राम साथी सुल्तान सिंह भाटी के साथ पुलिस सेवा में भर्ती हो गए। भर्ती के समय पुलिस अधीक्षक मोतीसिंह हाड़ा ने इस यूवक के बारे में कहा था "यह राष्ट्र का नाम उज्जवल करेगा।" पुलिस अधीक्षक के इन शब्दों को पूनमसिंह भाटी ने ९ सितम्बर १९६५ के भारत -पाक युद्ध में शोर्य दिखाकर सार्थक कर दिया। युद्ध काल में भाटी जैसलमेर पाक सीमा चोकी भुटों वाला पर तैनात थे।
1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत माता के वीर सपूतों के जोश और जज्बे ने चंद ही क्षणों में पाक के पांच रेंजरों को रेत के धोरों में धराशायी कर दिया। इससे पाक रेंजरों के हौसले पस्त होने लगे, लेकिन दूसरी ओर जवानों के सामने कारतूसों की कमी का संकट खड़ा हो गया। इस संकट पूर्ण स्थिति में जवान पूनमसिंह ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। वे दुश्मन की गोलीबारी की परवाह किए बिना धोरों में रेंग-रेंगकर पाक के मारे गये रेंजरों तक पहुंचे। उनके हथियार और बंदूक अपने साथियों तक ले आए। हथियार और गोला-बारूद मिलते ही एक बार युद्ध का माहौल बदल गया। इसी दरम्यान पूनमसिंह भाटी ने पाक के दो और रेंजरों को ढेर कर दिया। हमारे पुलिस के जवानों ने पाक कमांडर अफजल खां सहित कुल आठ रेंजरों को मौत की नींद सुला दिया। इस बीच दुश्मन की एक गोली पूनमसिंह को लगी और मातृभूमि की रक्षा के लिए पूनमसिंह भाटी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी I
७ दुशमनो को उनके कमांडर सहित मोत के घाट उतार कर भारत माँ की गोद में अपना बलिदान देकर जैसलमेर के भाटियों के विड़द "उतर भड़ किवाड़ भाटी" यादव कुल छ्त्राला उतर धरा कीवाड़ को अमर कर दिया। भाटी पूनमसिंह का जन्म ग्राम हाबूर के ठा . जयसिंह के घर १६ जून १९४० को माता श्री मती धायकँवर सोलंकियाजी की कोख से हुआ। युद्ध समाप्ति के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ने पूनमसिंह भाटी को मरणोपरांत २६ जनवरी १९६६ को भारतीय पुलिस का अग्नि सेवा पदक प्रदान कर सम्मानित किया। उनकी याद में हाबुर का नाम पूनमनगर रखा।
Punlo (पुनलो) Shaheed Poonam Singh Bhati, Punlo Superhit Rajputi Song By Shivdutt Singh Sandu
Punmal (पुनमल) राजस्थानी लोकगीत | Superhit Rajasthani Song by Asha Sapera
Singer : Asha SaperaLyrics : Traditional
Music : Sunil Dadhich
Recording : Pramod Studio
Label : PRG Music And Film Studio
Rajasthani songs are awesome 👍 love it ❤️
ReplyDeleteRajasthani Song always rocks
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